हमने तो उनको मौका दिया
वफा निभाने
अपनी जरूरत बताकर
उन्होंने लाचारी समझकर मुंह फेर लिया।
अपनी ताकत दिखाकर वह खुश होंगे
पर शायद ही सोचा हो कि
उन्होंने अपने विश्वास को खो दिया।
----------
हाथ उठाकर कुछ नहीं मांगा
पर इशारों में समझाकार
अपना आसरा उन पर टिका दिया।
अपना घर सजाने के लिये
उन्होंने हमारा पूरा पसीना चूसा
पर निभाने की बात आई तो मुंह फेर लिया।
----------------
कवि,लेखक संपादक-दीपक भारतदीप, Gwalior
http://zeedipak.blogspot.com
-------------------------
यह कविता/आलेख इस ब्लाग ‘दीपक भारतदीप की अभिव्यक्ति पत्रिका’ पर मूल रूप से लिखा गया है। इसके अन्य कहीं भी प्रकाशन की अनुमति नहीं है।
अन्य ब्लाग
1.दीपक भारतदीप की शब्द पत्रिका
2.दीपक भारतदीप का चिंतन
3.दीपक भारतदीप की शब्दयोग-पत्रिका
आनंद उठाने का सबसे अच्छी तरीका यह है कि आप एकांत में जाकर ध्यान
लगायें-चिंत्तन (Anand Uthane ka tareeka-Chinttan)
-
रोकड़ संकट बढ़ाओ ताकि मुद्रा का सम्मान भी बढ़ सके।
---
हम वृंदावन में अनेक संत देखते हैं जो भल...
6 years ago
No comments:
Post a Comment