Monday, January 12, 2015

इच्छायें चिंता लाती हैं-हिन्दी कविता(ichchhaen chinta latee hain-hindi poem)



विजेता बनने की इच्छा
मनुष्य की जिंदगी में
युद्ध का खतरा लाती है।

जीत लिया जिसने
संसार का छोटा हिस्सा
 बचाने की चिंता भी
उसके साथ आती हैं।

कहें दीपक बापू शांति से
जीवन बिताने की इच्छा
सभी में होती
फिर भी अपनी
पूजा करवाने की चाहत
कुछ इंसानों को पत्थर  बनाती है।
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लेखक और कवि-दीपक राज कुकरेजा "भारतदीप"
ग्वालियर, मध्यप्रदेश 
Writer and poet-Deepak Raj Kukreja "Bharatdeep"
Gwalior, Madhya pradesh
कवि, लेखक एवं संपादक-दीपक ‘भारतदीप’ग्वालियर
jpoet, Writer and editor-Deepak 'Bharatdeep',Gwalior
http://zeedipak.blogspot.com
 
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