Sunday, March 15, 2015

वायदे और कायदे-हिन्दी व्यंग्य कविता(vayde aur kayde-hindi satire poem)




पंचतारा गुफाओं का प्रभाव
अपने पिछलग्गू बनने के
वह भीड़ में
फायदे गिनाते हैं।

राह पर चलते
शेरों की तरह
शिकार में हिस्सा देने के
वायदे भी दिलाते हैं।

कहें दीपक बापू
मंजिल पर पहुंचकर
घुस जाते पंचतारा गुफाओं में
फिर जंगल और शहर की
जिंदगी के कायदे
अलग अलग होने का
फर्क भी  सिखाते हैं।
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लेखक और कवि-दीपक राज कुकरेजा "भारतदीप"
ग्वालियर, मध्यप्रदेश 
Writer and poet-Deepak Raj Kukreja "Bharatdeep"
Gwalior, Madhya pradesh
कवि, लेखक एवं संपादक-दीपक ‘भारतदीप’ग्वालियर
jpoet, Writer and editor-Deepak 'Bharatdeep',Gwalior
http://zeedipak.blogspot.com
 
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