Thursday, April 02, 2015

पेड़ मेरा साथी-हिन्दी कविता(ped mera sathi-hindi poem)


घड़ियों में समय
पंचांग में दिन
बीतता गया।

कई साथ लोग साथ चले
जिंदगी का सफर
धूप और छांव में
बीतता गया।
पेड़ ही मनुष्य जीवन के मुख्य आधार तत्व जल का संचय तथा प्राणवायु का संचालन करते हैं।
घर के बाहर खड़ा
पेड़ अंदर न आया कभी
देता रहा बाहर खड़ प्राणवायु
अकेलेपन के इस साथी से
बात किये बिना ही समय
बीतता गया।
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लेखक और कवि-दीपक राज कुकरेजा "भारतदीप"
ग्वालियर, मध्यप्रदेश 
Writer and poet-Deepak Raj Kukreja "Bharatdeep"
Gwalior, Madhya pradesh
कवि, लेखक एवं संपादक-दीपक ‘भारतदीप’ग्वालियर
jpoet, Writer and editor-Deepak 'Bharatdeep',Gwalior
http://zeedipak.blogspot.com
 
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