Saturday, July 25, 2015

चूना लगाते बताकर मलाई-हिन्दी कविता(choona lagate batakar malai-hindi poem)


समस्याओं का लगा अंबार
दम होती दिल में
जरूर संभालते।

मुर्दों के तस्वीरों पर
माला चढ़ाकर करते कमाई
काबलियत होती अगर
बेबस जिंदा लोगों को संभालते।

कहें दीपक बापू बाज़ार में खड़े
सौदागर बेचते हैं भलाई
चूना लगाते बताकर मलाई
इधर लूटते उधर करते दान
पेट में पूरा समा जाती अगर
पूरी दौलत जरूर संभालते।
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लेखक और कवि-दीपक राज कुकरेजा "भारतदीप"
ग्वालियर, मध्यप्रदेश 
Writer and poet-Deepak Raj Kukreja "Bharatdeep"
Gwalior, Madhya pradesh
कवि, लेखक एवं संपादक-दीपक ‘भारतदीप’ग्वालियर
jpoet, Writer and editor-Deepak 'Bharatdeep',Gwalior
http://zeedipak.blogspot.com
 
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