Saturday, October 03, 2015

बहाना ढूंढना जरूरी नहीं है-हिन्दी कविता(Bahana Dhoondhna jaroori nahin hai-HindiKavita)

बिना बात के ही
हंसना सीख लो
खुश होने के बहाने
ढूंढना जरूरी नहीं है।

कोई प्रसंग न हो
ताली बजाना सीख लो
मौन रहने का बहाना
ढूंढना जरूरी नहीं है।

कहें दीपकबापू दिल से
खुद खेलना सीख लो
चल पड़ो अपने पांव पर
टहलने का बहाना
ढूंढना जरूरी नहीं है।
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लेखक और कवि-दीपक राज कुकरेजा "भारतदीप"
ग्वालियर, मध्यप्रदेश 
Writer and poet-Deepak Raj Kukreja "Bharatdeep"
Gwalior, Madhya pradesh
कवि, लेखक एवं संपादक-दीपक ‘भारतदीप’ग्वालियर
jpoet, Writer and editor-Deepak 'Bharatdeep',Gwalior
http://zeedipak.blogspot.com
 
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