रिश्ते जो दूर हो गये
यादों में धुंधले हो जाते हैं,
उनके साथ गुजरे पल
याद्दाश्त से होते हैं बाहर
मतलब है जिनसे
वही यार ताजगी भर पाते हैं,
कहें दीपक बापू
इस दुनियां में धोखा भी
वफा भी मिल जाती है
मगर लोगों के नजरिये अलग अलग
जिसकी नजर जैसी
वैसी ही तस्वीर वह सामने पाते हैं।
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यादों में धुंधले हो जाते हैं,
उनके साथ गुजरे पल
याद्दाश्त से होते हैं बाहर
मतलब है जिनसे
वही यार ताजगी भर पाते हैं,
कहें दीपक बापू
इस दुनियां में धोखा भी
वफा भी मिल जाती है
मगर लोगों के नजरिये अलग अलग
जिसकी नजर जैसी
वैसी ही तस्वीर वह सामने पाते हैं।
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कवि, लेखक एवं संपादक-दीपक ‘भारतदीप’ग्वालियर
poet, Writer and editor-Deepak 'Bharatdeep',Gwalior
http://zeedipak.blogspot.com
poet, Writer and editor-Deepak 'Bharatdeep',Gwalior
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