Sunday, September 19, 2010

जांच और बहस-हिन्दी कविता (janch aur bahas-hindi kavita)

बेरहम कातिलों ने कर दिया
आम इंसान का सरेराह कत्ल
उसकी जांच जारी है,
पहरेदार ढूंढ रहे चेहरे
मगर अक्लमंदों की बहस बंद है,
वह खड़े इंतजार में जानने के लिये
कातिलों के नकाब का क्या रंग है
जब चल जायेगा तब ही तय होगा कि
चिल्लाने की अब किसकी बारी है।
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कवि,लेखक संपादक-दीपक भारतदीप, Gwalior
http://zeedipak.blogspot.com

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