हमने उनको भुलाने की
कोशिश बहुत की
पर याद आते हैं
उनके तसल्ली दिलाने वाले वादे
कहते थे
तुम्हारी जिंदगी जन्नत बना देंगे
मगर दे गये जुदाई का गम
दुनियां बना दी
हमारे लिये हर पल की जहन्नुम
-----
किसी की यादों के सहारे
कब तक जिंदा रहते
इसलिये भूलने लगे हैं
अपनी जिंदगी के खुशनुमा पल भी
सुकूल मिला है इतना
लगा है कि इंसान की
असली दुश्मन उसकी याद्दाश्त होती है।
कोशिश बहुत की
पर याद आते हैं
उनके तसल्ली दिलाने वाले वादे
कहते थे
तुम्हारी जिंदगी जन्नत बना देंगे
मगर दे गये जुदाई का गम
दुनियां बना दी
हमारे लिये हर पल की जहन्नुम
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किसी की यादों के सहारे
कब तक जिंदा रहते
इसलिये भूलने लगे हैं
अपनी जिंदगी के खुशनुमा पल भी
सुकूल मिला है इतना
लगा है कि इंसान की
असली दुश्मन उसकी याद्दाश्त होती है।
कवि, लेखक एवं संपादक-दीपक ‘भारतदीप’ग्वालियर
jpoet, Writer and editor-Deepak 'Bharatdeep',Gwalior
http://zeedipak.blogspot.com
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