हमने देखा उनकी तरफ
बड़ी उम्मीद के साथ
शायद वह हमारी जिंदगी में
कभी बहार लायेंगे,
दोष हमारा ही था कि
बिना मतलब के
उनका साथ निभाया,
उनमें वफा करने की कला है कि नहीं
यह जाने बिना
जरूरत से ज्यादा
अपनी सादगी का रूप दिखाया,
फिर भी भरोसा है कि
इस भटकाव में भी
हम कोई नया रास्ता पायेंगे।
बड़ी उम्मीद के साथ
शायद वह हमारी जिंदगी में
कभी बहार लायेंगे,
दोष हमारा ही था कि
बिना मतलब के
उनका साथ निभाया,
उनमें वफा करने की कला है कि नहीं
यह जाने बिना
जरूरत से ज्यादा
अपनी सादगी का रूप दिखाया,
फिर भी भरोसा है कि
इस भटकाव में भी
हम कोई नया रास्ता पायेंगे।
कवि, लेखक एवं संपादक-दीपक ‘भारतदीप’ग्वालियर
jpoet, Writer and editor-Deepak 'Bharatdeep',Gwalior
http://zeedipak.blogspot.com
jpoet, Writer and editor-Deepak 'Bharatdeep',Gwalior
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