Tuesday, December 09, 2008

विश्वास करने के सजा धोखा कर दे जाते-हिन्दी शायरी

शादी में शराब पीकर
नृत्य करते हुए
ऊपर गालिया दागते हुए
लोग बन्दर जैसे नजर आते
और बन्दर कहो तो चिढ जाते
किससे कहें अपने मन की बात
इंसानों के भेष में में सांप-बिच्छू , भेडिये
और सियार हमारे सामने आते
--------------------

किताबों पढ़कर चंद शब्द लेकर
चल रहे हैं साथ लेकर उपाधियों के झुंड
दिखते हैं नरमुंड
बोलते हैं प्यार से जैसे अपने हों
दिखाते हैं ऐसे सच जो सिर्फ सपने हों
मौका पाते ही पीठ में चुरा घोंप जाते
--------------------------
कितनी बार तो निकला होगा
लहू हमारी पीठ से
जब भी पाला पडा किसी ढीठ से
अब तो चेहरे पर नकाब लगाकर
वह कत्ल नहीं करते
मुट्ठी में सब बंद है सब फैसले उनके
बिना जिरह के ही फ़ैसले करते
विश्वास करने की सजा
धोखा कर दे जाते

----------
लेखक के अन्य ब्लाग/पत्रिकाएं भी हैं। वह अवश्य पढ़ें।
1.दीपक भारतदीप की शब्द पत्रिका
2.दीपक भारतदीप का चिंतन
3.दीपक भारतदीप की शब्दज्ञान-पत्रिका
4.अनंत शब्दयोग
कवि,लेखक संपादक-दीपक भारतदीप

No comments:

समस्त ब्लॉग/पत्रिका का संकलन यहाँ पढ़ें-

पाठकों ने सतत अपनी टिप्पणियों में यह बात लिखी है कि आपके अनेक पत्रिका/ब्लॉग हैं, इसलिए आपका नया पाठ ढूँढने में कठिनाई होती है. उनकी परेशानी को दृष्टिगत रखते हुए इस लेखक द्वारा अपने समस्त ब्लॉग/पत्रिकाओं का एक निजी संग्रहक बनाया गया है हिंद केसरी पत्रिका. अत: नियमित पाठक चाहें तो इस ब्लॉग संग्रहक का पता नोट कर लें. यहाँ नए पाठ वाला ब्लॉग सबसे ऊपर दिखाई देगा. इसके अलावा समस्त ब्लॉग/पत्रिका यहाँ एक साथ दिखाई देंगी.
दीपक भारतदीप की हिंद केसरी पत्रिका


हिंदी मित्र पत्रिका

यह ब्लाग/पत्रिका हिंदी मित्र पत्रिका अनेक ब्लाग का संकलक/संग्रहक है। जिन पाठकों को एक साथ अनेक विषयों पर पढ़ने की इच्छा है, वह यहां क्लिक करें। इसके अलावा जिन मित्रों को अपने ब्लाग यहां दिखाने हैं वह अपने ब्लाग यहां जोड़ सकते हैं। लेखक संपादक दीपक भारतदीप, ग्वालियर

लोकप्रिय पत्रिकाएँ

विशिष्ट पत्रिकाएँ