Saturday, December 19, 2009

कमीशन की नीति-हिन्दी साहित्य कवितायें (policy of commision-hindi sahitya kavita)

 सरकार और साहुकारों ने

इतने वर्षों से बहुत दान किया है

कि इस देश से पीढ़ियों तक

गरीबी मिट जाती।

अगर कमबख्त

यह कमीशन की रीति

दान बांटने वालों की नीति न बन जाती।

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नया बनाने के लिये

पुराना समाज टुकड़े टुकड़े

किये जा रहे हैं।

कुछ नया नहीं बन पा रहा है

इसलिये हर टुकड़े को समाज बता रहे हैं।


कवि,लेखक संपादक-दीपक भारतदीप, Gwalior
http://zeedipak.blogspot.com

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