जोड़ा वही अच्छा
जो बदनाम।
जज्बातों के
बाजार में जरूरी
प्यार नाम।
शादी के बाद
शादी से पहले के
भुला दें काम।
सौंदर्य बोध
मिलने से पहले
देता आराम।
मिलन बाद
पुरानी यादों पर
आता विराम।
आजाद नारी
प्यार के वास्ते
फिर गुलाम।
कहानी एक
रूप बदलती है
बदले नाम।
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1.दीपक भारतदीप की शब्द पत्रिका
2.दीपक भारतदीप का चिंतन
3.दीपक भारतदीप की शब्दज्ञान-पत्रिका
4.अनंत शब्दयोग
कवि,लेखक संपादक-दीपक भारतदीप
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