अपनी काबलियत पर
नहीं है जिनको भरोसा
अपने हाथ से छोटे काम कर
भीड़ में जाकर वही डंका बजाते हैं,
करते हैं ज़माने का काम
वह कभी अपने मशहूरी के लिये
चौराहों पर अपने गीत नहीं गाते हैं।
कहें दीपक बापू
यह विज्ञापन युग हैं
जिसमें हल्के लोग भी
साबुन और तेल की तरह
बाज़ार में बिने आते हैं।
................................
लेखक एवं कवि-दीपक राज कुकरेजा ‘‘भारतदीप
ग्वालियर मध्य प्रदेश
नहीं है जिनको भरोसा
अपने हाथ से छोटे काम कर
भीड़ में जाकर वही डंका बजाते हैं,
करते हैं ज़माने का काम
वह कभी अपने मशहूरी के लिये
चौराहों पर अपने गीत नहीं गाते हैं।
कहें दीपक बापू
यह विज्ञापन युग हैं
जिसमें हल्के लोग भी
साबुन और तेल की तरह
बाज़ार में बिने आते हैं।
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लेखक एवं कवि-दीपक राज कुकरेजा ‘‘भारतदीप
ग्वालियर मध्य प्रदेश
Writer and poem-Deepak Raj Kukreja "Bharatdeep"
Gwalior mdhya pradesh
कवि, लेखक एवं संपादक-दीपक ‘भारतदीप’ग्वालियर
jpoet, Writer and editor-Deepak 'Bharatdeep',Gwalior
http://zeedipak.blogspot.com
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