एक कहानी बनी
पढ़ी लोगों ने
कई कहानियां बन गयी।
कहीं पात्रों के नाम बदले
तो कहीं हालात
लगती है हर कहानी नयी।
कहें दीपक बापू
इंसानों को मजा आता है
एक दूसरे की तकलीफ देखने में
सभी को नहीं मालुम
अंदर खुशी ढूंढने का तरीका
दूसरे के मुसीबत
सभी के दर्द की दवा यूं ही बन गयी।
पढ़ी लोगों ने
कई कहानियां बन गयी।
कहीं पात्रों के नाम बदले
तो कहीं हालात
लगती है हर कहानी नयी।
कहें दीपक बापू
इंसानों को मजा आता है
एक दूसरे की तकलीफ देखने में
सभी को नहीं मालुम
अंदर खुशी ढूंढने का तरीका
दूसरे के मुसीबत
सभी के दर्द की दवा यूं ही बन गयी।
लेखक और कवि-दीपक राज कुकरेजा "भारतदीप"
ग्वालियर, मध्यप्रदेश
Writer and poet-Deepak Raj Kukreja "Bharatdeep"
Gwalior, Madhya pradesh
कवि, लेखक एवं संपादक-दीपक ‘भारतदीप’ग्वालियर
jpoet, Writer and editor-Deepak 'Bharatdeep',Gwalior
http://zeedipak.blogspot.com
ग्वालियर, मध्यप्रदेश
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Gwalior, Madhya pradesh
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