Monday, November 09, 2015

वानर और इंसान-हिन्दी कविता(Insan aur vanar-Hindi kavita,Men Monkey-Hindi poem)


वानर का इन्सान
अभिनय करे
कलाकार कहलाये।

वानर जब करे
इंसान जैसा करतब
तब भी वानर कहलाये।

कहें दीपकबापू अदायें बिकती
बाज़ार में महंगे भाव
कोई हंसे कोई खाये घाव
हम तो इंसान के साथ
वानर के दिल को भी सहलायें।
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लेखक और कवि-दीपक राज कुकरेजा "भारतदीप"
ग्वालियर, मध्यप्रदेश 
Writer and poet-Deepak Raj Kukreja "Bharatdeep"
Gwalior, Madhya pradesh
कवि, लेखक एवं संपादक-दीपक ‘भारतदीप’ग्वालियर
jpoet, Writer and editor-Deepak 'Bharatdeep',Gwalior
http://zeedipak.blogspot.com
 
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