Sunday, August 02, 2009

दिल का चैन और इज्जत-हिंदी शायरी (dil ka chain aur ijjat-hindi shayri)

कामयाबी की कीमत
मुद्रा में आंकी जाने लगी है।
इज्जत और दिल के चैन का
मोल लोग भूल गये हैं
ढेर सारी दौलत एकत्रित कर
प्रतिष्ठा का भ्रम पाले
अपने पांव तले
दूसरे इंसान को कुचलने की चाहत
हर इंसान में जगी है।
..............................
वह कौनसी तराजू हैं
जिसमें इंसान की इज्जत
और दिल का चैन तुल जाये।
दौलत के ढेर कितने भी बड़े हों
फिर भी उनमें कोई द्रव्य नहीं है
जिसमें दिल का अहसास उसमें घुल जाये।
.............................

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कवि,लेखक संपादक-दीपक भारतदीप

1 comment:

Unknown said...

BAHUT GAHARI AUR BAHUT GAMBHEER
KAVITA...............

वह कौनसी तराजू हैं
जिसमें इंसान की इज्जत
और दिल का चैन तुल जाये।

AAJ MITRATA DIVAS KI BADHAAI K SAATH
AAPKO IS KAVITA KE SRIJAN PAR BHI LAAKH LAAKH BADHAAI !

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