Friday, December 16, 2011

कामयाबी के कायदे-हिन्दी शायारियाँ (kamyabi ke kayde-hindi shayariyan)

हम तय नहीं करेंगे
जमाना तय करेगा कि
ज़िंदा आदमी के इज्ज़त क्या होगी,
मर गया जो
उसको कैसे जन्नत नसीब होगी।
कहें दीपक बापू
देखा है हमने
सयानों को बता रहे हैं
कर्मकांड का योग
अक्ल से पैदल
और शरीर के रोगी।
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हवा के झौंके से काँपने वाले
तूफानों से लड़ने वालों को
रास्ता दिखा रहे हैं,
नाकामी रही जिनकी साथी
कामयाबी के कायदे
लोगों को वही सिखा रहे हैं।
कहें दीपक बापू
दौलत, शौहरत और ताकत पर
इतराते लोग
फरिश्तों की सूची में
अपना नाम लिखा रहे हैं।
कवि, लेखक एवं संपादक-दीपक ‘भारतदीप’ग्वालियर
poet, Writer and editor-Deepak 'Bharatdeep',Gwalior
http://zeedipak.blogspot.com
 
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