Monday, December 01, 2008

दुनियां के दृश्य और नजर-हिंदी शायरी

किसी इमारत में लगी आग

कहीं रास्ते में बिखरा खून

किर्सी जगह हथियारों की आवाज से गूंजता आकाश

दिल और दिमाग को डरा देता है

पर कहीं अमन है

खिलता है फूलों से ऐसे भी चमन हैं

गीत और संगीत का मधुर स्वर

कानों के रास्ते अंदर जाकर

दिल को बाग बाग कर देता है

दुनियां में दृश्य तो आते जातें

देखने वाले पर निर्भर है

वह अपनी आंखों की नजरें

कहां टिका देता है

कहां से फेर लेता है

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कवि,लेखक संपादक-दीपक भारतदीप

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