कहीं रास्ते में बिखरा खून
किर्सी जगह हथियारों की आवाज से गूंजता आकाश
दिल और दिमाग को डरा देता है
पर कहीं अमन है
खिलता है फूलों से ऐसे भी चमन हैं
गीत और संगीत का मधुर स्वर
कानों के रास्ते अंदर जाकर
दिल को बाग बाग कर देता है
दुनियां में दृश्य तो आते जातें
देखने वाले पर निर्भर है
वह अपनी आंखों की नजरें
कहां टिका देता है
कहां से फेर लेता है
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1.दीपक भारतदीप की शब्द पत्रिका
2.दीपक भारतदीप का चिंतन
3.दीपक भारतदीप की शब्दज्ञान-पत्रिका
4.अनंत शब्दयोग
कवि,लेखक संपादक-दीपक भारतदीप
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